अक्सर भारतीय कहते हैं की "पाकिस्तान इज अ फेल्ड स्टेट"। भारत के किसी अन्य राज्य वालों को ये कहना छजता है लेकिन जब किसी बिहारी को ये कहते सुनता हूँ तो माथा सहलाते हुए सोचता हूँ की हमें अपने माथे का टेटर कब दिखाई देगा।
पाकिस्तान को फेल्ड स्टेट कहना किसी अन्य भारतीय राज्य वाले को कहना इसलिए छजता है क्योंकि उनके राज्य के विकास और पाकिस्तान के विकास का कम्पेरेटिव डाटा इसकी गवाही देता है। लेकिन मुझे ये समझ मे नहीं आता की कोई बिहारी ऐसा कहने की बेशरमी किस आधार पर लाता है।
यहाँ 'फेल्ड स्टेट' के कारण देश और स्टेट में कन्फ्यूज मत होइएगा लेकिन एकबार पाकिस्तान और बिहार के विकास का कम्पेरेटिव डाटा देख लीजिए। बिहार का प्रति व्यक्ति आय (जीडीपी पर कैपिटा) है $630 और पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति आय है $1388 (बिहार के दोगुने से अधिक)। बिहार और पाकिस्तान दोनों में लगभग 34 प्रतिशत जनसंख्या बिलो पॉवर्टी लाइन में जी रही है। लिटरेसी रेट में पाकिस्तान और बिहार 63 % के साथ लगभग एक ही पोजिशन पर है। बेरोजगारी की समस्या पाकिस्तान (5.7%) से ज्यादा बिहार (7.2%) में है। ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स में पाकिस्तान (0.562) और बिहार (0.566) बिल्कुल एक जगह पर है।
फिर जब पाकिस्तान एक फेल्ड स्टेट है तो बिहार क्या है ? आप कहिएगा की वहाँ हिंसा और आतंकवादी घटनाओं से लोग मरते हैं। अरे तो हमारे बिहार में लगभग उतने ही लोग हर साल बाढ़, चमकी आदि से मरते हैं। आप कहिएगा की पाकिस्तान में धर्मान्धता है, कट्टरपंथ है। तो हमारे बिहार में जातीयता के ऊपर अंधता और कट्टरता कम है ? करप्शन और अपराध में भी बिहार पाकिस्तान के लगभग बीस ही पड़ता है।
दोस्त, डाटा दे दिए हैं। कम्पेयर कर लो। और पूछो खुद से की फेल्ड स्टेट तुम नहीं हो ? सोचना दोस्त, सच सामने रखने पर बौखला के कोई ये मत कह देना की पाकिस्तान चले जाओ। नहीं तो मुक्का मार के नकभस्सा तोड़ देंगे।
बेचैनी बेचैनी बेचैनी …….. यही बेचैनी फिर से पाटलीपुत्र बनायेगा……