" कबिलाई हिंदू " : क्या अच्छा नाम हैं ?
चार्वाक दर्शन त्याग दीजिएगा ? तर्क शक्ति को तिलांजलि दे दीजिएगा ?
political parties के समर्थन और विरोध में हम लोग कबिलाई बनते जा रहे हैं ।
जातिवाद जब अपने चरम पे था तो भी किसी की औकात नही थी की बोल दे की "तुम हिंदू नही हो " !!!! तुमको धर्म से निकाला जा रहा हैं !!! या फलाना sect तो हिन्दू होता ही नहीं, ये सब हम लोगो में कहां से आया ? TV debate, Twitter पे मैं मुसलमानो मे ये बात सुनता पड़ता था / हूं " तुम तो शिया हो, मुसलमान नहीं"( नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे तक के लिए) और वो TV डिबेट में एक piece piece party का लड़का आता हैं वो अक्सर मुसलमान होने का certificate online issue करता हैं । अब वो हिंदू भी करेंगे ? क्यों ? किसने औकात दिया इतना और किसको ?
एक ब्राह्मण जो स्वयं धर्म , ब्राह्मणवाद एवं पाखंड के विरोध में कभी कभार बोलता हैं वो हिंदू नही हैं ?
दौरा माथा पे रख के सूर्य नारायण की आराधना नही कर सकता ?
क्या नौटंकी चालू किए हो धर्म के नाम पे खुद अधर्मी बनने की प्रक्रिया को रोकिए , भाजपा हिन्दुत्व नही , support कीजिए पर dissent, तर्क, विरोध का जगह बनाए रखिए ।
