जब जातिवाद का नग्न-नृत्य, December 11, 2019 Sanjeev Srivastwa जब जातिवाद का नग्न-नृत्य, देवों के प्रति वाचिक कुकृत्य, पद्मिनी पूज्य अपमानित हों, सत्ता निःसत्व प्रमाणित हो जब जन-मानस अकुलाता है. परिणाम यही फिर आता है. – अरविंद पांडेय जी के कलम सेArvind Pandey Source