जय हिंद साथियों,
देश का माहौल Citizenship amendment bill जो अब act बन चुका है और NRC को लेकर बहुत खराब हो रहा है,
माहौल खराब करने वालों का काम है माहौल खराब करना, पर क्या एक जिम्मेदार शहरी का ,एक जिम्मेदार नागरिक का यह कर्तव्य नहीं है कि वह सही information आम शहरीयों के बीच में फैलाएं ,उन्हें एनआरसी के लिए तैयार करें तथा उनके संदेह एवं anxiety को कम करें.
मैं अपील करूंगा अपने साथियों से खासकर के वकील साथियों से, बुद्धिजीवियों से एवं गांव गांव में फैले हुए रिटायर्ड फौजियों से कि आप लोग इस कार्य में सहयोग करें,
जिला जिला में अपना एक समिति बनाकर के जमीन पर काम करें,
राजनीति जिस चीज में घुस जाए उससे लोगों का भला नहीं होता है, नियत जरूरी है
मेरा सभी साथियों से विनम्र निवेदन रहेगा कि हम लोग कुछ पॉजिटिव और अच्छा काम करें,
गंदी और ओछी राजनीति से अगर टकराना है तो अच्छे और पॉजिटिव काम करिए
एक छोटा सा एक पन्ने का डॉक्यूमेंट, सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट, चंद गांव में मीटिंग वह काम कर सकती है जो इस देश को जोड़ सकें,
दुनिया में बुराई तभी तक बिकती है जब तक अच्छे लोग खड़े ना हो जाए
हाथ पर हाथ रखकर बैठने से और सोशल मीडिया पर हल्ला करने से अच्छा है कि हम जमीनी काम करें और इस देश को सही मायने में सारे जहां से अच्छा बनाएं
आपका संजीव श्रीवास्तव
अच्छी सोच
Commendable! Sharing it.
अब दिल्ली के ज़ाफराबाद में हज़ारों की भीड़ हिंसा कर रही है। ये साफ हो चुका है कि ये नागरिकता बिल का विरोध नहीं, सरासर देशद्रोह है। आप हज़ारों की तादाद में इकट्ठा होकर पुलिस पर पत्थर बरसाएं। लाख रोकने पर न मानें। फिर पुलिस आपको काबू करने के लिए आंसू गैस छोड़ेगी। हो सकता है आत्मरक्षा में गोली भी चलानी पड़े। जिसमें ज़ाहिर है कुछ लोग ज़ख्मी होंगे। फिर उन ज़ख्मी लोगों की तस्वीरें शेयर कर आप बताओगे कि पुलिस मुसलमानों के साथ क्या कर रही है? फिर उन तस्वीरों को और जगह शेयर कर पुलिस और व्यवस्था के खिलाफ लोगों को भड़काया जाएगा। कहा जाएगा कि देखो, हमारे साथ कैसा ज़ुल्म हो रहा है। मेरी चिंता बस ये है कि बिल के विरोध के नाम पर लोग सड़कों पर आ गए हैं…अब अगर बिल के समर्थक भी सड़कों पर आ गए, तो चीज़ें कहां जाएंगी। अगर आपको लगता है कि ऐसे विरोध से मोदी सरकार या बीजेपी कमज़ोर होगी, तो आप और बड़ी गलती कर रहे हैं। ऐसे प्रदर्शनों से तो उसे और फायदा होगा। इसलिए ज़रा होश से काम लें। जब सरकार बार-बार ये कह रही है, अब से कुछ देर पहले फिर प्रधानमंत्री ने ट्विट कर रहा है कि इस बिल का देश के नागरिकों से, मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, तो फिर क्यों उन बातों को नज़रअंदाज़ कर हिंसा की जा रही है।
Well Said