जैसी जनता वैसा शासक, कल कोई खेल बदल रहा था कोई भविष्य से खेल रहा था।
System को सिस्टम के बाहर का आदमी ही सुधार सकता हैं ।

Social Entrepreneur
जैसी जनता वैसा शासक, कल कोई खेल बदल रहा था कोई भविष्य से खेल रहा था।
System को सिस्टम के बाहर का आदमी ही सुधार सकता हैं ।