राजनीति में जाने का सबसे आसान रास्ता है जातिवाद और धर्म के उन्माद पे सवार हो जाइए, जनता भी यही चाहती है, अच्छी सोच की जगह छोटी सोच, समाज की भलाई की जगह समाज का बाटना, अच्छे कर्मों की जगह ऐसे कर्म जो आपको चर्चित कर दे, चाहे वो समाज में वैमनस्य फैला के हो या देश में!!!
जस जनता तस नेता, अभी और पता नहीं कितने साल झेलेंगे हम लोग ,
शायद तब तक जब तक वो silent voters, दूर दराज गांव में बैठा युवा public में, पब्लिक प्लेटफॉर्म पे, चाय के दुकान पे , social media में जातिवाद के खिलाफ और विकाशवाद के समर्थन में ना बोलने लगे,
ये जो signal गांव गांव से आएगा यही नेता को बदलेगा क्योंकि लोक ही तंत्र बदल सकता हैं,
इस silent voice को बाहर लाने पे काम करना होगा , सबको
