लगता है अब पुलिस वालों पे बहुत प्रेशर हैं अर्थव्यवस्था सुधारने का, बहुत ज्यादा परेशान हैं सब, कल एक युग कांस्टेबल Swarnlata Kumari जिनकी ड्यूटी विकाश भवन मोड पे थी , शाम के लगभग 6 बजे मेरे से इसीलिए नाराज हो गई क्योंकि मेरे गाड़ी के सारे कागजात सही थे, काफी बहस हो गई सिर्फ इस बात पे की आप गाड़ी से उतर के पेपर क्यों नहीं धिखाए, सीट पे रह के कैसे चेक करवाए , जबकि हिंदुस्तान के लगभग हर शहर में गाड़ी में आके पेपर चेक किया जाता है. बिहार पुलिस कुछ खास हैं 😀😀😀😀
तब ही तो ये बिहार है