AAP की पंजाब जीत और मुफ्तियो का शोर, ये देश हित में नहीं, रुकना चाहिए
मुफ्ती वाहिनी कई बार अपनी ही फौज को रौंद देती हैं , बीजेपी की एक बहुत बड़ी मुफ्ती फौज खड़ी हैं social media platforms पे जिसे लोग trolls, भक्त ( इस शब्द से मुझे आपत्ति हैं) etc कहते हैं , ये अंत में नुकसानदेह होगा, जब सामने वाले बोलने लगेंगे ।
एक नया शगूफा छोड़ा हुआ हैं की खालिस्तानियों ने AAP को पंजाब में जितवाया, देश की security risk हैं , border state हैं, जिन लोगो को पंजाब के बारे में कोई जानकारी नहीं हैं और जो अंदर से देश नहीं समझते वो ही ये बकवास कर रहे हैं
पंजाब एक HETEROGENEOUS society हैं, शायद इसीलिए वहां आतंकवाद बहुत जल्दी control में आया, सीख, मौना, खत्री, हिंदू, अकाली, निहंग, डेरा,अन्य वो एक मिला जुला समाज हैं , जहां से कभी किसी को निस्कासित नहीं किया गया, heterogeneous society के वोटिंग के majority वोटर लोग खालिस्तानी कैसे के सकते हैं !!!!!
कश्मीर जैसे homogeneous society (जब तक हिंदू , सीख लौट न जाए ) में भी जब वोट होता हैं तो सारी पार्टियों को यहां तक कि लोग बीजेपी को भी जीताते हैं, वोट से, बीजेपी पंजाब में सरकार नहीं बनाई तो आप एक heterogeneous society को खालिस्तानी बोल देंगे ?
या AAP के उदय से कोई डर हैं जो उसके खिलाफ माहौल बना रहे हैं ?
कल एक ऐसे व्यक्ति का मैने ये पोस्ट पढ़ा जिसके तीन पुस्त में न तो कोई फौज में गया या किसी भी सामाजिक लड़ाई में , जो हमेशा ये चाहता हैं की भगत सिंह पैदा हो पर पड़ोस के घर में, वो भी सरदार जैसी बलिदानी कौम के बारे में लिखा रहा हैं !!!
सरदार कौन हैं ? हर हिंदू घर का बड़ा लड़का सरदार होता था , ये वो पंथ हैं जिसने न सिर्फ हिंदुओं की रक्षा की , बल्की आज तो पूरी दुनिया की सेवा कर रहा हैं,
दोस्तो देश हित सर्वोपरि , पार्टी बाद में ,कोई नहीं पुछता मुफ्तियों को
लोकतंत्र को विपक्ष विहीन मत कीजिए , शक्ति संतुलित अच्छी लगती हैं